Civil disobedience is often used as a means of protesting against injustices or unfairness.
सविनय अवज्ञा को अक्सर अन्याय या अन्याय के खिलाफ विरोध करने के साधन के रूप में प्रयोग किया जाता है।
In India, there is a long tradition of civil disobedience. This includes both peaceful and violent forms of resistance to authority. The civil disobedience movement in Hindi has a number of meanings. It can refer to peaceful protests and public demonstrations. It can also involve breaking the law in order to draw attention to an issue. Finally, it can refer to acts of defiance or rebellion against society or government.
भारत में सविनय अवज्ञा की एक लंबी परंपरा है। इसमें सत्ता के विरोध के शांतिपूर्ण और हिंसक दोनों रूप शामिल हैं। हिंदी में सविनय अवज्ञा आंदोलन के कई अर्थ हैं। यह शांतिपूर्ण विरोध और सार्वजनिक प्रदर्शनों का उल्लेख कर सकता है। इसमें किसी मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने के लिए कानून तोड़ना भी शामिल हो सकता है। अंत में, यह समाज या सरकार के खिलाफ अवज्ञा या विद्रोह के कृत्यों का उल्लेख कर सकता है।
The civil disobedience movement in Hindi means standing up against injustice and demanding change. The first wave of protests happened in the 1960s and 1970s, but they’ve continued to this day. In recent years, the protests have focused on issues like corruption, environmental degradation, and inequality. The people who participate in these protests often face arrest and some have even been sentenced to prison. However, they believe that their actions are necessary to bring about change.
हिंदी में सविनय अवज्ञा आंदोलन का अर्थ है अन्याय के खिलाफ खड़ा होना और बदलाव की मांग करना। विरोध की पहली लहर 1960 और 1970 के दशक में हुई थी, लेकिन वे आज भी जारी हैं। हाल के वर्षों में, विरोध प्रदर्शनों ने भ्रष्टाचार, पर्यावरण क्षरण और असमानता जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। इन विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले लोगों को अक्सर गिरफ्तारी का सामना करना पड़ता है और कुछ को जेल की सजा भी हो चुकी है। हालांकि, उनका मानना है कि बदलाव लाने के लिए उनके कार्य आवश्यक हैं।
In India, civil disobedience is a largely peaceful movement that has taken place for over 100 years. It began in 1915, when Mohandas Gandhi led a protest against British rule in India. Since then, millions of Indians have participated in various forms of civil disobedience to express their disapproval of government actions or policies.
भारत में, सविनय अवज्ञा एक बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण आंदोलन है जो 100 से अधिक वर्षों से चला आ रहा है। इसकी शुरुआत 1915 में हुई, जब मोहनदास गांधी ने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध का नेतृत्व किया। तब से, लाखों भारतीयों ने सरकारी कार्यों या नीतियों के प्रति अपनी अस्वीकृति व्यक्त करने के लिए सविनय अवज्ञा के विभिन्न रूपों में भाग लिया है।
The civil disobedience movement in Hindi has been gaining momentum in recent years. The main aims of the movement are to demand better governance and to highlight the issues faced by common people. While many people may be unfamiliar with the term, civil disobedience is a form of protest that uses nonviolent methods such as sit-ins, strikes, and marches. In India, there have been a number of high-profile cases of civil disobedience, including protests against corruption and environmental degradation.
हिंदी में सविनय अवज्ञा आंदोलन हाल के वर्षों में गति पकड़ रहा है। आंदोलन का मुख्य उद्देश्य बेहतर शासन की मांग करना और आम लोगों के सामने आने वाले मुद्दों को उजागर करना है। जबकि बहुत से लोग इस शब्द से अपरिचित हो सकते हैं, सविनय अवज्ञा विरोध का एक रूप है जो अहिंसक तरीकों जैसे कि सिट-इन्स, स्ट्राइक और मार्च का उपयोग करता है। भारत में, सविनय अवज्ञा के कई हाई-प्रोफाइल मामले सामने आए हैं, जिनमें भ्रष्टाचार और पर्यावरण क्षरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शामिल हैं।
Civil disobedience is a movement of individuals or groups who choose to break the law intentionally in order to create a public spectacle, express an opinion, or bring attention to an issue. In India, civil disobedience has been used as a form of protest for centuries. There are many different definitions for civil disobedience, but in general it is nonviolent resistance to an unlawful order. The term “civil” in civil disobedience refers to the fact that people are breaking the law peacefully and without weapons.
सविनय अवज्ञा उन व्यक्तियों या समूहों का एक आंदोलन है जो सार्वजनिक तमाशा बनाने, राय व्यक्त करने या किसी मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने के लिए जानबूझकर कानून तोड़ने का विकल्प चुनते हैं। भारत में, सविनय अवज्ञा का उपयोग सदियों से विरोध के रूप में किया जाता रहा है। सविनय अवज्ञा की कई अलग-अलग परिभाषाएँ हैं, लेकिन सामान्य तौर पर यह एक गैरकानूनी आदेश का अहिंसक प्रतिरोध है। सविनय अवज्ञा में "सविनय" शब्द इस तथ्य को संदर्भित करता है कि लोग शांतिपूर्वक और बिना हथियारों के कानून तोड़ रहे हैं।
The civil disobedience movement in Hindi is an expression of dissent and protest against the government. It began in the 1960s and has since taken on a variety of forms, from peaceful protests to sit-ins and blockadeades. The movement has often been used as a platform for social activism, with protesters using it as an opportunity to raise awareness about issues that they feel are important.
हिंदी में सविनय अवज्ञा आंदोलन सरकार के खिलाफ असंतोष और विरोध की अभिव्यक्ति है। यह 1960 के दशक में शुरू हुआ था और तब से शांतिपूर्ण विरोध से लेकर धरना और नाकाबंदी तक कई तरह के रूप ले चुका है। आंदोलन को अक्सर सामाजिक सक्रियता के लिए एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया गया है, प्रदर्शनकारियों ने इसे उन मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अवसर के रूप में उपयोग किया है जो उन्हें महत्वपूर्ण लगता है।
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